जिंदाबाद जिन्दगी
मेरा साहित्यिक संसार
Labels
आलेख
(5)
कविता
(33)
मेरा परिचय
(1)
Monday, January 4, 2021
ह्रदय
बंजर धरती के
सीने पर
अंकुरित होता है
बेमौसम कोई बीज
ठिक
उसी तरह
तुम आना
बिना उम्मीद
बिना संदेश
बिना आहट के
मेरे हृदय की बंजर धरा पर
मुहब्बत का अंकुर खिलाने ।❤️
प्रियंका चौधरी
4/01/2021
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
इज्जत
न्यायपालिका और हिंदी
मानव इतिहास की सबसे बड़ी खोज भाषा है ।भाषा ही एक ऐसा साधन है ,जो इंसान और जानवर में अंतर पैदा करता है ।भाषा ही एक ऐसा आधार है जिसके आधार पर ...
31दिसम्बर
अगस्त के महिने के तीसरे गुरुवार की दोपहर मूसलाधार बारिश में भीगता हुआ वो मेरी दहलीज पर आया था । मुझसे विदा लेने ... फिर आने का वादा करके। इं...
No comments:
Post a Comment