इक्कीस दिसम्बर की रात
साल की सबसे बड़ी
रात है,
ये भूगोल कहता है ।
इश्क की रातें ,
तुम्हारी इक्कीस की,
रात से कहीं बड़ी होती है ।
भूगोल कह रहा है
आज
दस घण्टे अठारह मिनट का दिन
तेरह घण्टे बयालीस मिनट की रात होगी ।
आज साल की सबसे बड़ी रात होगी ।
शिशिर ऋतु के स्वागत के साथ
सूर्य उत्तरायण होगा ।
तुम्हारे
भूगोल से अलग,
इश्क का भूगोल है।
जहां सूर्य उत्तरायण ,
दक्षिणायन से दूर ।
टिका होता है इंतजार पर ।
जहां रातें हमेशा लम्बी ,
दिन के उजाले में
सूर्य ,चन्द्रमा लगता है ।
इश्क में डूबा आशिक
सूर्य को मानकर चन्द्रमा
देखता है महबूब का चेहरा ।
इश्क का भूगोल
तुम्हारे भूगोल से अलग होता है।
प्रियंका_चौधरी
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