जिंदाबाद जिन्दगी
मेरा साहित्यिक संसार
Labels
आलेख
(5)
कविता
(33)
मेरा परिचय
(1)
Monday, October 4, 2021
रोना
रोना
किसी
सुख
दुःख
का पर्याय नहीं है।
ना ही रोना
किसी कायरता
और
भावुकता का प्रतीक
रोना एक प्राकृतिक घटना है ।
✍️ प्रियंका चौधरी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
इज्जत
समझदार
⭕ तुम बहुत समझदार हो ... हर परिस्थिति का सामना कर सकती हो । जब भी ,कोई ये कहता है , धीरे से मेरी प्रशंसा में । मुझे अंदाजा हो जाता है , कोई...
बेटी
बेटी - कविता स्वर्ण या दलित नहीं होती, बेटी गरीब या अमीर नहीं होती। स्वर्ण और दलित अमीर और गरीब आदमी की सोच होती है जिससे इस समाज का निर...
No comments:
Post a Comment